झुण्ड मानसिकता

झुण्ड मानसिकता
हमारे यहाँ ये बहुतायत में है. हम हवा का बहाव ढूँढते हैं. अपनी नाव उसी ओर मोड़ लेते हैं. बेल बाटम के ज़माने से चली आ रही ये नाव इसे कोई किनारा नहीं चाहिए इसे तो बस हवा का रुख बता दो, फिर भले ये गाने गाए तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार. खुजली क्वीन रुक नहीं सकती.
कभी भेड़ों के बीच फँस के देखें. आप से ही घबरा के आप से ही घिसटेंगी. बहुत आसानी से दूर भाग सकती हैं. लेकिन ये होता है आपसी भाईचारा अपनापा झुण्ड कॉन्फिडेन्स इसमें सही गलत का प्रश्न नहीं होता बात साथ निभाने की है.
पहले मजहव वाले और धर्म वाले फिर दलीय एकता कुछ देश बचाऊ कुछ नये झुण्ड जैसे टैक्स बचाऊ काला धन बचाऊ .
आप कहीं भी यूँ ही ऊंगली उठा कर देखिए , अरे पीछे मुड़ कर देखिए , आप गौरवान्वित रोमान्चित महसूस करेंगे कि कितने लोग आपके साथ खड़े हैं. लगेगा जैसे पूरा भारत उठ खड़ा हुआ है आपकी ऊंगली के पीछे.

भारत में अनेकता में एकता है 

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