HINDUSTAN KA AAM ADMI APNI BHASHA ME BOLTA HAI. USKE APNE PROBLEMS HAIN. USKA APNA TARIQA HAI ZINDAGI JEENE KA. USKE APNE SAWAL HAIN , USKE APNE JAWAB HAIN. YE KUCH ALAG YATRA HAI.
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पेड़ कटाई चल रही है विकास के कारण और पेड़ लगाएं जां रहे हैं। जिनसे न तो छांव मिले न फल। अब फल सिर्फ़ मण्डी में मिलते हैं जिनके भाव आसमान में मिलते हैं
कोई पेड़ खुदा
न खास्ता बढ़ ही गया तो बिजली वाले तलवारबाजी दिखा जाते हैं।
पानी पानी रे , तेरी माया अभी कुछ दिन पहले तक तरस रहे थे हलक सूख रहे थे अब बह रहे हैं अरे बर्तन भांडे तक बह रहे हैं ये बड़ी कॉलोनियों का पानी यहीं घुस आता है निकालते निकलते मुश्किल हो जाती है दिन तो ठीक है बहार इधर उधर बैठ बाठ लेते हैं रात में समझ नहीं अत किधर बिस्तर लगायें सुना है बड़े लोग बड़े प्लान बना रहे हैं की सारी नदियों को नहरों से जोड़ देंगे फिर सारा बारिश का पानी इकठ्ठा कर लेंगे . अच्छी प्लानिंग है भाई , जरा हमारी कालोनी की साइड भी एकाध छोटी मोटी
बिल्ली आम आदमी का रास्ता क्यों कटती है. पहले तो अपन सोचते थे के बिल्ली की वजह से पंचायत कड़ी होती है लेकिन बाद में समझ उजली के बिल्ली अपन को सिर्फ सावधान करती है के बेटे घर को निकल ले आज पंचायत फंसेगी .
टीवी पे बहस के नाम पर लडैया भिडैया। सुनाने की कोई नहीं होती है, बस सुनाने की, वो भी गला फाड के । मुद्दा जैसे कोई किया शिकार बीच में पड़ा हो और दस जगह के लडैये इकट्ठे टूट पडे हों। संसद का नजारा घर घर पर। आप खुद को इटेलीजेन्ट समझो , भाई पर बाकियों को घासखाऊ न समझो. सब को मौका न दो न सही पर टीवी देखनेवालों को सुनने का मौका तो दो। लगता है प्रोग्राम वाले जूते बाहर ही उतरवा लेते हैं वरना जूतमपैजारी भी दिखा करती । क्या पता हो भी जाती होगी , कैमरा बन्द होते ही।
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