HINDUSTAN KA AAM ADMI APNI BHASHA ME BOLTA HAI. USKE APNE PROBLEMS HAIN. USKA APNA TARIQA HAI ZINDAGI JEENE KA. USKE APNE SAWAL HAIN , USKE APNE JAWAB HAIN. YE KUCH ALAG YATRA HAI.
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पेड़ कटाई चल रही है विकास के कारण और पेड़ लगाएं जां रहे हैं। जिनसे न तो छांव मिले न फल। अब फल सिर्फ़ मण्डी में मिलते हैं जिनके भाव आसमान में मिलते हैं
कोई पेड़ खुदा
न खास्ता बढ़ ही गया तो बिजली वाले तलवारबाजी दिखा जाते हैं।
कभी सुबह सुबह भजन माइक पर सारे मोहल्ले का मुफ्त अलारम . कभी सरे रात रतजगा. प्रसादी के चक्कर में हम भी घूम आते हैं . घंटी नहीं हो गयी बच्चो का खिलौना हो जैसे , बेटे तू भी बजा . गोदी में आजा अब बजा जोर के . अलग अलग लोग अलग अलग घंटी. कुछ ऐसे होते हैं कि जैसे भगवन कम सुनते हैं. दनादन बजायेंगे . भगवन तो ठीक आसपास के कुत्ते भी सकपकिया जाते हैं. कुछ एक बार टिन तो कोई तीन तक गिनते हैं. कोई अपना संगीत का हुनर दिखाना चाहते हैं. ताल और लय का पाठ पढ़ा देते हैं. बड़े बड़े सौदे हो जाते हैं. भगवन मेरी ज़मीन का मामला निपटा दो बस मैं सोने का मुकुट बनवा दूंगा. मेरी प्रोमोशन रुक गयी है. मेरी कुर्सी बड़ी कर दे चार कुर्सियां यहाँ लगवा दूंगा. कतल में मेरी सजा कम करवा दो गुम्बद सोने का बनवा दूंगा. औरते अपना अलग इमोशनल सीन बनाती हैं. भगवान दूध छोड़ दिया है , सफ़ेद चीज़ खाना छोड़ दिया है. पीला पहनना छोड़ दिया है. सोलह सोमवार कर रही हूँ, ग्यारह बुधवार कर रही हूँ. बस गुडिया कि शादी अच्छी जगह करवा दो. इनकी शराब कि आदत छुड़वा दो , उस कलमुही से दूर करवा दो. हमारा घर बनवा दो. कार छोटी पड़ती है . बच्चे बड़े हो गए हैं
Inspired by CID (special) अभिजीत संभाल के (अभी तुम बच्चे हो) दया तोड़ दो दरवाज़ा (सर्च वारन्त का कानून ख़तम हो गया है)( मुझसे तो नहीं टूटेगा) ज़हर (विदेश ब्राज़ील या अफ्रीका के जंगलों से) आत्मा वतमा का चक्कर गोल गोल घूम के फिर फिर आ जाता है गन किसने चलायी ? मर्डर किसने किया ? सालुंखे एक झुमका पड़ा मिला है मर्डर स्पोट पर . मुंबई की 137000 दुकानों पर जाकर पता करो ये किसने ख़रीदा है। जल्दी करो जल्दी .
आज सुबह फिर टंकर वाला गोल मर गया . अब अगली गली में जाकर collector ऑफिस वाले साहब के बंगले से मोटर का पानी खींचना पड़ेगा. दो घंटे कि तो लग गयी समझो , लाइन इतनी लम्बी होती है कि एकाध बाल्टी पानी मिल जाये तो गंगा नहाये समझो . और फिर साहब भी इस टाइम बिजी चलते हैं उन्हें ऑफिस टाइम से पहुंचना होता है. आज बिट्टू को तो बिना नहाये ही स्कूल जाना पड़ेगा. धोने जितना पानी मिल जाये बहुत है , नहाने का क्या है. वैसे भी शेर कभी नहाते हैं क्या? वो टंकर वाले का नंबर भी सामने भाभी के पास है , वो भी सुबह सुबह पता नहीं कहाँ घुमने चली गयी हैं. ये ही टाइम मिलता है लोगों को घूमने का. यहाँ पूरी पट्टी परेशान है . नगर निगम कौन जायेगा मगज पट्टी करने . नगर निगम वाले पहले तो भाव खाने में एक घंटा लगा देंगे फिर टंकर हमसे ही दूंध वाएंगे . और फिर वहां सुनता कौन है better है कि हम साहब से ही request कर लेंगे . वहां कोई बाबु मिल गया तो अभी पचीस पचास झटक लेगा .
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