पानी
पानी पानी रे , तेरी माया
अभी कुछ दिन पहले तक तरस रहे थे हलक सूख रहे थे
अब बह रहे हैं अरे बर्तन भांडे तक बह रहे हैं ये बड़ी कॉलोनियों का पानी यहीं घुस आता है निकालते निकलते मुश्किल हो जाती है
दिन तो ठीक है बहार इधर उधर बैठ बाठ लेते हैं रात में समझ नहीं अत किधर बिस्तर लगायें
सुना है बड़े लोग बड़े प्लान बना रहे हैं की सारी नदियों को नहरों से जोड़ देंगे फिर सारा बारिश का पानी इकठ्ठा कर लेंगे . अच्छी प्लानिंग है भाई ,
जरा हमारी कालोनी की साइड भी एकाध
छोटी मोटी
अभी कुछ दिन पहले तक तरस रहे थे हलक सूख रहे थे
अब बह रहे हैं अरे बर्तन भांडे तक बह रहे हैं ये बड़ी कॉलोनियों का पानी यहीं घुस आता है निकालते निकलते मुश्किल हो जाती है
दिन तो ठीक है बहार इधर उधर बैठ बाठ लेते हैं रात में समझ नहीं अत किधर बिस्तर लगायें
सुना है बड़े लोग बड़े प्लान बना रहे हैं की सारी नदियों को नहरों से जोड़ देंगे फिर सारा बारिश का पानी इकठ्ठा कर लेंगे . अच्छी प्लानिंग है भाई ,
जरा हमारी कालोनी की साइड भी एकाध
छोटी मोटी
apki bat badi nirali hai .
जवाब देंहटाएं