राज़ की बात
कड़क टिक्कड़ मक्खन लगा के विदेशी माहौल और विदेशी नाम से 160 रुपये में भी बेच सकते हैं .
आलू की टिकिया डबलरोटी के बीच फंसा के 40 रुपये में भी सस्ती है .
आखिर कोका कोला और ठुम्प्स उप वाले ये क्यों नहीं बताते की आखिर वो पानी से भी सस्ती चीज लाते कहाँ से हैं।
और हमें तो सिर्फ इतना ही पता चल पाता है की कभी कभी इनमे झींगुर भी डलता है बाकि क्या कितना डालता है ये नहीं बताया जाता .
अपने तो समोसे बीस रुपये में दो भी बड़े महंगे पड़ते है
कोई ज्ञानी मेरी मंदमति पर कृपया थोडा प्रकाश डाले .
apan sab samajh rahe hain ki ap kiski bat kar rahe hain .
जवाब देंहटाएंbahut khub bhai