बचा लो महा मृतुन्जय

हमको तो आजकल बहुत सारे हल्ले सुने दे रहे हैं . कभी बर्ड फ़्लू का हमला, तो कभी स्वेन  फ़्लू का अटक  कभी ग्लोबल वार्मिंग का खतरा , कभी असमान में छेद क्या कहते हैं ये लोग कि ओज़ोन लयेर . कभी कीटाणुओं का अटैक .
ग़रीब आदमी को तो ये धंदे करने के और अपना माल खपाने के  इंटरनाशानल तरीके ज्यादा लगते हैं.
नया शगूफा नहीं सुना अपने, आकाश से चट्टानें आ रही हैं प्रथ्वी से टकराने  और सारी सृष्टि  नष्ट होने वाली है.
अब घबराहट में आप क्या करेंगे , इस चट्टान से दुनिया को बचाने के लिए आप कहाँ जायेंगे.
कुछ साल पहले एक स्काई लैब आ रहा था पृथ्वी से टकराने और बहुत हल्ला मचा के दुनिया ख़तम. बेचारे ग़रीब आदमी ने खूब पूजा पाठ कराया , खूब मिन्नतें कि बचा लो ,
बच गए.
खैर वो पुराना टाइम था . अब ग़रीब आदमी को थोडा थोडा समझ में आ रहा है कि माजरा क्या है ये सब.

टिप्पणियाँ

  1. सही कहा आपने ! राज खुल रहे हैं कुछ-कुछ ! आभार प्रविष्टि के लिये ।

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